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हैदराबाद में मस्जिद पर क्यों छिड़ा विवाद? मदरसे को बंद करने की उठी मांग

हैदराबाद के सुल्तानपुर में स्थित ऐतिहासिक जामा मस्जिद हुसैनी में स्थित मदरसा दारुल उलूम नूमानिया के बाहर बीजेपी के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं. ये प्रदर्शन मदरसे को अवैध बताते हुए बंद किए जाने की मांग को लेकर किया जा रहा है. यह मामला हैदराबाद के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील बालापुर इलाके का है. सुल्तानपुर में करीब 2 हफ्तें पहले पुलिस ने मदरसे के बाहर दो कमांडो को तैनात किया था. 16 अप्रैल 2025 को कॉलोनी के हिंदुओं और मदरसे के बीच विवाद तब खड़ा हो गया जब कुछ बच्चों ने बोदराय नाम के पत्थर का अनादर किया. जिसके बाद फिर विवाद के चलते पुलिस को आना पड़ा.

तेलंगाना के ग्रामीणों के लिए बोडराई धार्मिक के साथ-साथ भावनात्मक रूप से भी एक संवेदनशील मुद्दा है. यहां कई गांवो में बोडराई पंडुगा नाम से साल में एक बार उत्सव मनाया जाता है. इस मामले को सांप्रदायिक रंग देने के पीछे असल में एक ऐतिहासिक संपत्ति विवाद है जो करीब 300 सालों पुरानी कुतुब शाही काल की एक मस्जिद और उससे जुड़ी लगभग 8 एकड़ 18 गुंटा भूमि के स्वामित्व से संबंधित है. पिछले कुछ सालों में इस भूमि का बड़ा हिस्सा साजिश के तौर पर दूसरें लोगों के हाथों में चला गया जिनमें से ज्यादातर गैर-मुस्लिम हैं. इसमें अब 1,000 वर्ग गज भूमि ही बची है जिसमें मस्जिद भी शामिल है.

मस्जिद और मदरसे पर छह महीने से चल रहा विवाद

इस मामले में पिछले छह महीनों से विवाद चल रहा है. अकबर खान नाम के व्यक्ति ने दावा किया कि वो पिछले सात सालों से मस्जिद के अंदर मदरसा चलाने वाला मौलाना है और उसने सैयद सबर हुसैनी से 10 सालों के लिए मस्जिद को पट्टे पर लिया था. अकबर ने यह भी दावा कि बीजेपी के राज्य सचिव रामकृष्ण रेड्डी पार्टी के कार्यकर्ताओं को लाकर मदरसे को बंद करने का दबाव डाल रहे हैं. ताकि वो जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर सकें. अकबर ने आगे कहा कि बीजेपी ने यह दावा किया कि मदरसे में रोहिंग्याओं को रखा गया है. जबकि यहां पढ़ाई करने वाले छात्र तेलंगाना के ग्रामीण और शहरी इलाकों से हैं.

बीजेपी का आरोप

उन्होंने बताया कि बीजेपी के कार्यकर्ता यह दावा कर रहे हैं कि विवादित जमीन पशुशाला की है, जबकि उनका कहना है कि पूरी जमीन वक्फ बोर्ड की संपत्ति है. हालांकि, 1,000 वर्ग गज क्षेत्र को छोड़कर बाकी जमीन को अवैध रूप से बेचा जा चुका है. जब उनसे यह पूछा गया कि यदि जमीन वक्फ की है तो उन्होंने किसी तीसरे पक्ष से पट्टे पर लेने का फैसला क्यों किया, तो उन्होंने जवाब दिया कि यह मामला जमीन के मालिक और वक्फ बोर्ड के बीच का है और वही तय करेंगे कि असली मालिक कौन है.

मदरसे को बंद करने की मांग

कॉलोनी के लोगों ने बीजेपी के राज्य सचिव श्रीनिवास रेड्डी और महेश्वरम विधायक के साथ मिलकर मदरसे को बंद करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. मजलिस बचाओ तहरीक (एमबीटी) के प्रवक्ता अमजद उल्लाह खान ने बालापुर पुलिस थाने से एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने हिंदूवादी संगठनों पर एक ऐतिहासिक मस्जिद के परिसर में चल रहे मदरसे को बंद कराने की कोशिश का आरोप लगाया.

वक्फ बोर्ड की चुप्पी पर उठे सवाल

तेलंगाना वक्फ बोर्ड से जब यह पूछा गया कि क्या संबंधित 8 एकड़ और 18 गुंटा भूमि बोर्ड की संपत्ति है, लेकिन इस संबंध में तत्काल कोई जवाब नहीं मिला. अब यह सवाल बना हुआ है कि क्या वक्फ बोर्ड इस मामले में आगे आकर कोई स्पष्ट बयान देगा. विशेष रूप से उस भूमि को लेकर, जिसे वक्फ की संपत्ति बताया जा रहा है, और जिस पर विवादित दावे सामने आ रहे हैं. क्या वास्तव में यह जमीन अब किसी और के स्वामित्व में चली गई है.